काशीपुर। कांग्रेस भवन में पूर्व सहकारिता मंत्री स्व. चौधरी समरपाल सिंह की तस्वीर हटाने को लेकर मचे बवाल के बीच अब मामला और गरमा गया है। महानगर कांग्रेस कमेटी, काशीपुर के अध्यक्ष मुशर्रफ हुसैन ने पूर्व मेयर प्रत्याशी संदीप सहगल के बयान को पूरी तरह भ्रमित और तथ्यहीन बताते हुए कड़ा खंडन किया है। मुशर्रफ हुसैन ने कहा कि संदीप सहगल द्वारा दिया गया यह बयान कि तस्वीर हटाने का निर्णय कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सामूहिक फैसला था “पूरी तरह असत्य और भ्रामक है”।
उन्होंने स्पष्ट किया कि 2 अक्टूबर को गांधी-शास्त्री जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान स्वयं संदीप सहगल ने व्यक्तिगत रूप से तस्वीर हटाने की मांग की थी, यह कोई सामूहिक निर्णय नहीं था। प्रेस को जारी विज्ञप्ति में मुशर्रफ हुसैन ने कहा है कार्यक्रम के दौरान संदीप सहगल ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि ‘इनका पूरा परिवार भाजपा में है, तो इनकी तस्वीर यहां क्यों लगी है।’ यह उनका व्यक्तिगत बयान था, पार्टी का नहीं।”
महानगर अध्यक्ष ने कहा है कि कांग्रेस भवन एक ट्रस्ट की संपत्ति है, और वहां लगी तस्वीरों या प्रतिमाओं को लगाने या हटाने का अधिकार केवल ट्रस्ट के अधीन है, न कि किसी व्यक्तिगत या सामूहिक फैसले से। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य व प्रदेश महासचिव अनुपम शर्मा, पीसीसी सदस्य अलका पाल, जितेंद्र सरस्वती, मंसूर अली मंसूरी, अरुण चौहान, जय सिंह गौतम सहित किसी वरिष्ठ नेता की सहमति नहीं ली गई थी। “संदीप सहगल का यह दावा कि तस्वीर हटाने पर वरिष्ठ कांग्रेसियों की सहमति थी — यह पूर्णत: झूठा और भ्रामक है,” मुशर्रफ ने विज्ञप्ति के माध्यम से एड संदीप सहगल को याद दिलाया कि स्व. चौधरी समरपाल सिंह अंतिम समय तक कांग्रेस के वरिष्ठ और सम्मानित नेता रहे। “उनके निधन पर स्वयं संदीप सहगल ने उनके पार्थिव शरीर पर कांग्रेस ध्वज अर्पित किया था। आज उन्हीं की तस्वीर हटाना उनकी राजनीतिक सोच की संकीर्णता को दर्शाता है।” मुशर्रफ हुसैन ने साफ कहा कि कांग्रेस पार्टी स्व. चौधरी समरपाल सिंह का सदैव सम्मान करती रही है और आगे भी करती रहेगी। अंत में उन्होंने दो टूक कहा “यह विवाद कांग्रेस का नहीं, एक व्यक्ति के व्यक्तिगत निर्णय और दुर्भाग्यपूर्ण सोच का परिणाम है।”