
बढ़ती सक्रियता से सियासी गलियारों में हलचल — कांग्रेस में लौट रही है ‘पुरानी रौनक’
काशीपुर।(विकास गुप्ता) राजनीति में कहा जाता है जहां धुआं उठे, वहां कुछ पक जरूर रहा होता है। और काशीपुर की कांग्रेस में इन दिनों कुछ न कुछ जरूर पक रहा है। वजह है वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अनुपम शर्मा, जो इन दिनों हर छोटे-बड़े मंच पर नज़र आ रहे हैं। अभी विधानसभा चुनाव में वक्त है, मगर काशीपुर का सियासी तापमान पहले ही उबलने लगा है। अनुपम शर्मा की बढ़ती सक्रियता ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई जान फूंक दी है। कभी काशीपुर कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, लेकिन राज्य गठन के बाद से कांग्रेस की हालत पतली ही रही। हरभजन सिंह चीमा ने भाजपा का झंडा ऐसा गाड़ा कि कांग्रेस को चार-चार बार हार का घूंट पीना पड़ा। पांचवीं बार तो उनके बेटे त्रिलोक सिंह चीमा ने भी जीत की परंपरा आगे बढ़ा दी।
लगातार हारों ने कांग्रेस के जोश को ठंडा कर दिया था गुटबाजी ने रही-सही ताकत भी खत्म कर दी। लेकिन फिर आए निकाय चुनाव, और मैदान में उतरे संदीप सहगल। भले ही वे चुनाव नहीं जीत पाए, मगर उनके नाम ने संगठन को फिर से जोड़ा। अब वही जोश एक बार फिर दिख रहा है इस बार अनुपम शर्मा के इर्द-गिर्द। पिछले कुछ महीनों से शर्मा लगातार कार्यकर्ताओं के संपर्क में हैं, नाराज़ नेताओं की घर वापसी करवा रहे हैं, और कांग्रेस में नई जान फूंकने की कोशिश में जुटे हैं। दिलचस्प बात यह है कि जो चेहरे कल तक संदीप सहगल के साथ कदमताल कर रहे थे, अब वे अनुपम शर्मा के मंच पर दिखाई दे रहे हैं। सियासी पंडितों का कहना है कि यह बदलाव आने वाले विधानसभा चुनाव की दिशा तय कर सकता है। पार्टी के भीतर भी एक बड़ा वर्ग अब अनुपम शर्मा को संभावित उम्मीदवार के रूप में देखने लगा है। काशीपुर की राजनीति में कांग्रेस धीरे-धीरे फिर “इलेक्शन मोड” में लौट रही है। अब देखना ये होगा कि आने वाले महीनों में अनुपम शर्मा का यह बढ़ता कद ‘उम्मीदवारी’ की दहलीज़ तक पहुंचता है या फिर यह सिर्फ शुरुआती शोर साबित होता है।