कच्चे माल का निर्यात और तैयार उत्पादों का आयात स्वीकार नहीं किया जा सकता, ओडिशा में बोले पीएम मोदी

भुवनेश्वर में मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इस बात पर जोर दिया कि कच्चे माल का निर्यात और तैयार प्रोडक्ट का आयात स्वीकार नहीं किया जा सकता और देश के बाहर इस ट्रेंड और वैल्यू एडिशन को बदला जा रहा है. पीएम मोदी ने सर्विस सेक्टर में इनोवेशन और क्विलिटी प्रोडक्ट्स को अर्थव्यवस्था के विस्तार के दो स्तंभ बताया.

भुवनेश्वर में निवेशकों के दो दिवसीय उत्कर्ष ओडिशा सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा, “देश का तेज विकास केवल कच्चे माल के निर्यात से संभव नहीं है. इसलिए, हम पूरे इको सिस्टम को बदल रहे हैं और एक नए दृष्टिकोण के साथ काम कर रहे हैं.”

उन्होंने ओडिशा से आयरन के एक्स्पोर्ट का भी जिक्र किया और कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि राज्य में इससे संबंधित उद्योग आएं. उन्होंने कहा, “यहां से मिनिरल निकाले जाते हैं और किसी दूसरे देश को एक्सपोर्ट किए जाते हैं, जहां वैल्यू एडिशन किया जाता है और नए प्रोडक्ट बनाए जाते हैं. इन तैयार प्रोडक्ट्स को फिर भारत वापस भेज दिया जाता है. यह ट्रेंड स्वीकार्य नहीं है.”

पीएम मोदी ने कहा कि यह एआई का युग है और हर कोई इसके बारे में बात कर रहा है. सिर्फ एआई ही नहीं बल्कि लोगों की आकांक्षाएं देश की ताकत हैं. जब लोगों की जरूरतें पूरी होती हैं तो आकांक्षाएं बढ़ती हैं. पिछले दशक में देश ने लोगों को सशक्त बनाने का लाभ देखा है. ओडिशा भी इसी आकांक्षा का प्रतिनिधित्व करता है.

उन्होंने कहा कि ओडिशा नए भारत की मौलिकता और आशावाद का प्रतिनिधित्व करता है. ओडिशा में अवसर हैं और ओडिशा के लोगों ने बेहतर प्रदर्शन की भावना का प्रदर्शन किया है.पीएम मोदी ने कहा, “21वीं सदी कनेक्टेड इंफ्रास्ट्रक्चर और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के बारे में है. भारत अभूतपूर्व गति और पैमाने पर विशेष बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है. यह भारत को निवेश के लिए एक बेहतरीन गंतव्य बनाएगा.”

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दुनिया लाइफस्टाइव और हरित भविष्य की ओर बढ़ने की बात कर रही है. ग्रीन जॉब्स की गुंजाइश बढ़ रही है. इसलिए, हमें उभरते रुझानों के साथ खुद को बदलना होगा. भारत हरित भविष्य और हरित तकनीक पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. चाहे वह सौर हो, पवन हो या हरित हाइड्रोजन, ये विकासशील भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा को शक्ति प्रदान करने जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि वह पूर्वी भारत को देश का विकास इंजन मानते हैं और ओडिशा इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. उन्होंने उद्योगपतियों से ओडिशा में आकांक्षाओं और रोजगार के अवसरों के लिए एक इको सिस्टम बनाने का भी आग्रह किया.

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